विद्यार्थियों में पढ़ने की संस्कृति विकसित करनी चाहिए : प्राचार्य डॉ. नितिन घोरपडे

विद्यार्थियों में पढ़ने की संस्कृति विकसित करनी चाहिए : प्राचार्य डॉ. नितिन घोरपडे अण्णासाहेब मगर महाविद्यालय में पठन प्रेरणा दिवस उत्साह से मनाया गया

मांजरी : (प्रतिनिधी) पुणे जिला शिक्षण मंडल के अण्णासाहेब मगर महाविद्यालय में पूर्व राष्ट्रपति डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के जन्म दिन के अवसर पर पठन प्रेरणा दिवस उत्साह के साथ मनाया गया।

महाविद्यालय के पूर्व छात्र संघटन के अध्यक्ष सुरेश घुले, उपाध्यक्ष पूर्व प्राचार्य महादेव वाल्हेर, कोषाध्यक्ष सुनील बनकर, सचिव प्रा. नितिन लगड, कृष्णकांत कोबल, महाविद्यालय के प्राचार्य व सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय प्रबंधन परिषद के सदस्य डॉ. नितिन घोरपडे के शुभ हाथों डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की प्रतिमा को पुष्प अर्पित करके अभिवादन किया गया। इस अवसर पर पठन, विचार और अभिव्यक्ति कट्टा, संस्थागत भंडार का उद्घाटन गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया गया।

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महाविद्यालय के प्राचार्य एवं सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के प्रबंधन परिषद के सदस्य डॉ. नितिन घोरपड़े ने कहा कि पढ़ने से समाज समृद्ध होता है। पढ़ने से ज्ञान, नई चेतना, मूल्यों में वृद्धि होती है और वक्ता बहुप्रतिभाशाली बनता है, इसलिए विद्यार्थियों में पढ़ने की संस्कृति विकसित करने के लिए कॉलेज में पठन गतिविधियां शुरू की गई हैं।

पठन प्रेरणा दिवस के अवसर पर प्राध्यापक प्रबोधिनी द्वारा आयोजित ‘गुंतता हृदय हे’ नाटिका का अभिवाचन किया गया। इस अभिवाचन में बाबुल- डॉ. रमाकांत जोशी, लखोबा- डॉ. लतेश निकम, कल्याणी – डॉ. सविता कुलकर्णी, महानंदा – डॉ. शुभांगी औटी, मामा – प्रा. रेवती नेवासकर, मामी – डॉ. वंदना सोनावले, मनू रेगे – प्रा. रेखा निसाल, दमयंती – प्रा. नाजनीन मनेर, निवेदक – डॉ. सविता कुलकर्णी ने भाग लिया।

 

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राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने ‘प्रेमा तुझा रंग कसा’ नाटिका का अभिवाचन किया। कुणाल खंडागले – बल्लाल, गौरी मसुरकर – प्रियंवदा , नेहा वर्मा – बच्चु, रिंकू वाघमारे – बब्बड, अक्षदा – सुशील, अनिकेत जगताप – बाजीराव, प्रतीक्षा बोरकर नामक छात्रों ने इसमें भाग लिया। 

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यहां उपप्राचार्य डॉ.शुभांगी औटी, प्रा.अनिल जगताप, प्रा.डॉ.नाना झगडे, ग्रंथपाल डॉ.दत्तात्रय संकपाल, डॉ.दत्तात्रय टिलेकर, डॉ. गंगाधर सातव, डॉ. बी. एम. शिंदे, डॉ.शुभांगी शिंदे, प्रा.भाऊसाहेब भोसले, अशोक शेकडे आदि उपस्थित थे।
कार्यक्रम का प्रास्ताविक डॉ. दत्तात्रय संकपाल ने किया। सूत्र-संचालन अशोक शेकडे और आभार प्रदर्शन डॉ. नाना झगडे ने किया।